भगवद गीता के अनमोल वचन हमारी लाइफ से जुडी समस्याओं को आसानी से हल करने की प्रेरणा देता हैं और मदद भी करतें हैं। heart touching भगवत गीता के अनमोल वचन
Heart Touching Bhagvat Gita Ke Anmol Vachana Hindi
भगवद गीता हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और जब तक हमारी लाइफ रहेगी तब तक भगवद गीता का हर अध्याय हमें जीवन में आगे बढ़ने में करता रहेगा।
श्री कृष्ण के कहें वचन हमारी लाइफ के जवाब हैं
उदहारण के तौर पर आप ये क्लिप जरूर सुनें –
सुख गया तो दुःख दरवाजें पे आने के लिये तैयार खड़ा हैं,
एक के लिये दुःख करेंगे तो आने वाली
अच्छी खबर के लिये जल्द ही सुख भी होना पड़ेगा।
जिसने भी धरती पर जन्म लिया है
उसे अपने फर्ज तो पूरे करने ही पड़ेगे,
वरना समाज में उसे कही जगह नहीं मिलती।
जब भी कोई काम उससे होने वाले फायदे से शुरू होता हैं,
तो वह काम नहीं स्वार्थ हो जाता हैं।
” जो धर्म कहता है उसके अनुसार कर्म तो करना ही चाहिये। “
” कमजोर क्षणों में हम डर जाते हैं, जिससे कन्फ्यूजन आ जाती हैं. “
” मन की दुर्बलता छोड़ हमें उस कर्म के बारे में सोचना चाहिये। जो हम करने के लिए आये हैं। “
सुख दुःख जो सामान समझें, दोनों हालत में एक जैसा रहें, वही जीवन में आगे बढ़ता हैं।
ज्ञानी इंसान ये जानता हैं कि सुख दुःख तो आते जाते रहेंगे, एक ही भाव कभी रुक कर नहीं रहता।
इस कथन से श्री कृष्ण का कहना हैं कि – चाहे सुख हो या दुःख दोनों को समान समझाना चाहिये। क्युकि सुख और दुःख दोनों आते जाते रहेंगे और हमारा जीवन युही चलता रहता रहेगा।
Bhagvad Gita Kyu Padana Chahiye?
भगबत गीता के हर अध्याय में दुनिया के आज के सवालों का जवाब है
भगवद गीता के वचन जीवन से जुड़ा हर सवाल का जवाब भगवत गीता में छुपा है।
दुनिया के हर धर्म शंकट का जवाब भगबत गीता में ही हैं।
Bhagvad Gita Quotes
” स्वयं को कमजोर मान कर बात को छोड़ देना ये सही नहीं हैं। “
कृष्ण कहते हैं हमें कभी भी खुद को निराश नहीं करना चाहियें , अगर परिश्थितियाँ हमें निराश भी करें तो हमें ज्यादा समय निराश नहीं बैठना चाहिये।
क्युकि निराश या उदास बैठने से हमारा समय ही बेस्ट होता हैं और हमारे सोच में नकारात्मक सोच आएगी।
भविष्य में क्या होगा ये कोई नहीं जानता, विधि ने क्या विधान लिखा है
उसके बारे में किसी को नहीं पता, लेकिन वर्तमान में क्या करना है
ये निर्णय हमारे हाथ में हैं।
वर्तमान में क्या करना है ये निर्णय हमारे हाथ में हैं,
हमारे कर्म सिर्फ हमारे हाथ में ही हैं।
अगर आप चिंता / दुखी हैं, जब तक आप दुःख को दूर नहीं करेंगे,
दुःख की वजह और दुःख का उपाय ढूंढ नहीं लेते,
तब तक दुनिया का कोई भी सुख आपको आराम नहीं दे पायेगा।
Bhagvad Gita Quotes In Hindi Anmol Bachan
किस समय कोन सी कमजोरी हम पर भावी हो जाये,
ये कोई नहीं जानता।
इस दुनिया में किसी भी बात का शोक नहीं करना चाहियें।
हम आते है और चले जाते हैं, हम फिर से आते हैं
इसी तरह समय का चक्र चलता रहता हैं।
जैसे जीवात्मा की इस देह में बालकपन, जवानी, वृद्धा अवस्था होती हैं।
बैसे ही शरीर की अन्य प्राप्ति होती हैं इस विषय मे धीर पुरुष में मोहित नहीं होता।
Bhagvat Geeta Anmol Vachan
हमारी आत्मा तो वही रहती हैं लेकिन,
शरीर बचपन से लेकर बुढ़ापे तक बदलता हैं।
बदलाव प्रकृति का नियम हैं, जो अभी है वो अगले पल बदल चुका हैं,
आपको चाहे दिखे या ना दिखें, आप यकीन करे या करें,
जब बदलाव नियम है तो ऐसे नियम से दुखी क्यों होना।
दुनिया में हर एक चीज बदलती हैं,
लेकिन जो नही बदलता वह हैं आत्मा।
जो झूट है उसका कोई मूल्य नहीं,
मिली सिर्फ सच का ही हैं।
जब कुछ नहीं था तब भी आत्मा थी,
जब कुछ नहीं होगा तब भी आत्मा होगी।
जब कुछ नहीं था तब भी आत्मा थी,
जब कुछ नहीं होगा तब भी आत्मा होगी।
आत्मा को छोड़ सब बदलेगा।
शरीर की आयु होती हैं लेकिन आत्मा तो अमर हैं।
जब देह की आयु पूरी हो जाती हैं, तो उसकी साँसे रुक जाती हैं.
और आत्मा एक शरीर तो छोड़ कर दूसरे शरीर में चली जाती हैं।
Anmol Vachan Bhagvad Gita Hindi
अलग अलग कारणों से मृत्यु होती हैं और शरीर रहने लायक नहीं रहता,
तब आत्मा उस शरीर को छोड़ कर दूसरे शरीर में चली जाती हैं।
हम अपनी आत्मा को इन्द्रियों से नहीं समझ सकतें,
इन्द्रियाँ तो इस दुनिया के भाव को समझने के लिये हैं।
न जाने हम कितनी ही बार उन बातों के लिये शोक करते हैं
जिसका होना तय हैं। जो तय हैं
वो होगा ही और जो होगा ही उसकेलिये क्या शोक करना।
अगर हम कर्म योग को थोड़ा सा समझ ले,
तो जन्म मृत्यु से छुटकारा मिल जायेगा।
जब कोई फैसला लेना हो तो बुध्दि एक ही होती हैं,
लेकिन जहाँ सोच की फैसले की निर्णय की कमी हो
वहां कई बुध्दियाँ काम करती हैं।
जब आप कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं
तो न जाने कितनी दिशाओ में ध्यान जाता हैं,
अगर आप निर्णय करने की सोच ले,
उसके बाद उसे करने का ही प्रण होता हैं।
जब भी कोई काम उससे होने वाले फायदे से शुरू होता हैं,
तो वह काम नहीं स्वार्थ हो जाता हैं।
काम से ज्यादा उसके होने वाले फायदे,
के बारे में बात करना, ढोंग होता हैं।
कुछ लोग काम करने से ज्यादा बात करते हैं
बातों से हवाई किले बनायेगे,
हमें ऐसे डोंगी लोगों से बचना चाहिये।
इन इंसान के दिल में भगवान और,
अपने काम के प्रीति लगन नहीं होती,
ऐसी संगती से हमेशा बचना चाहिये।
वेद भी सिर्फ तीनों गुणों में सीमित हो जाते हैं,
इसके आगे है कर्म योग।
जैसा करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
कर्म करो लेकिन उससे जुड़े
सुख दुःख से लगाव मत रखों।
जिसने व्रहम तत्व को समझ लिया,
उसके लिये वेदों की कोई आवश्यकता नहीं।
कर्म का खेल इतना बड़ा हैं कि,
कर्म के आगे सारे ज्ञान छोटे पड़ जाते है।
इसीलिए कर्म को समझाना पड़ेगा।
पोथी और वेद से ही आपको सफलता मिलेगी,
ऐसा सोचना गलत हैं, कर्म योग सबसे बड़ा ज्ञान हैं।
कर्म करना हैं लेकिन सिर्फ फल के लिये नहीं,
कर्म को करो अपना धर्म और अपना कर्तव्य समझ कर।
कर्म करो फल की चिंता मत करो
जो फल के लिए काम करते है,
उन्हें हमेशा असफल होने का डर रहता हैं.
इसी लिये वो अपने कर्म को अच्छे से नहीं कर पाते।
लगन सिर्फ काम में और भगवान में रखों,
तभी हमारी बुध्दि अचे से काम कर पाती हैं।
रिश्ते धन ऐश्वर्य बुरे नहीं हैं, इस से मोह करना बुरा हैं।
इसने लगाव होने के कारन सोचने की शक्ति कम हो जाती हैं।
बुद्धि ठीक से काम नहीं करती – फैसले गलत हो जाते हैं।
जब आपके अंदर शांति नहीं होगी,
तो आप आनन्द कभी भी प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
अगर बुध्दि के विजय प्राप्त करनी है तो,
इन्द्रियों को वश में करना ही पडेगा.
अगर हम अपने कर्म से मुँह मोड़कर
या हताश बैठ जाये तो ये ठीक नहीं हैं,
ऐसा करने से कोई लाभ नहीं होगा।
ऐसे इंसान बनो कि आपको कोई भी बात
गाली चुगली गुस्सा आपको विचलित न कर पाये।